Friday 28 September 2012

ज्यौलिंगकांग (छोटा कैलास या आदि कैलास )-


ज्यौलिंगकांग (छोटा कैलास या आदि कैलास )- इस क्षेत्र में भोटांतिकों का धार्मिक स्थल है। यहाँ एक मन्दिर है। लोग अपने परिवार,ख़च्चर,घोड़े और जिब्बू, तम्बू, खाद्य सामग्री आदि के साथ ज्यौलिंगकांग की ओर प्रस्थान करते हैं। जन्माष्टमी भी मनाई जाती है। वर्तमान में मुन्स्यारी के निवासी श्री जगत मर्तोलिया के अनुसार ’’ब्यांस घाटी में स्थित इस स्थल में गुंजी,गब्र्यांग,कुटी आदि स्थानों से लोग जाते हैं। मन्दिर मूलतः शिव का है,पर जन्माष्टमी से संबंधित चित्र भी हैं। ज्यौलिंगकौंग मूल रूप से तिब्बती नाम है। भारतीय क्षेत्र में छोटा कैलास या आदि कैलास नाम ही प्रचलित है।पहले तिब्बती व्यापारी भी यहाँ आया करते थे,पर 1962 के भारत.चीन युद्ध के उपरान्त स्थितियों में परिवर्तन हुआ। ’’बारह वर्ष के उपरांत कुम्भ का उल्लेख गंगोत्री गब्र्याल ने भी अपनी पुस्तक ’यादें’ में किया है।’’ 
छोटा कैलास या आदि कैलास क्षेत्र में देश के सभी भागों से तीर्थयात्रियों के जाने की परंपरा रही है

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