Sunday 24 May 2020

कोरोना के दौर में छात्राओं से संवाद

प्रिय छात्राओं
आशा है आप सब स्वस्थ एवं सक्रिय होंगी.
    आजकल आप सभी घर के कामकाज के साथ ही अपनी पढ़ाई-लिखाई में भी व्यस्त होंगी, रमजान का पवित्र महीना भी चल रहा है. आजकल अध्ययन के साथ साथ हमारे भी घरेलू काम इस कोरोना संक्रमण के समय में काफी बढ़ गये हैं. लेकिन इस सबके बावजूद अध्ययन और पठन-पाठन के लिए वक्त निकालना अति आवश्यक है. इसलिए इसमें आप लोगों को भी  सहयोग करना जरूरी है. लाकडाउन के समय में आनलाइन पढ़ाई आवश्यक है, इसीलिये आप लोगों को समय - समय पर विभिन्न विषयों को समझाते हुए आडियो लेक्चर तथा पी डी एफ में प्रश्नावली भेज रही हूं.कुछ छात्राओं के फोन नंबर मेरे पास नहीं हैं, कुछ स्मार्ट फ़ोन न होने के कारण वट्सऐप का प्रयोग नहीं करतीं. इस कारण सबसे संपर्क संभव नहीं हो रहा है.आसपास रहने वाली छात्राएं आपस में संपर्क करके ग्रुप में जोड़ने में एक दूसरे की मदद करें. 
   कोरोना अर्थात कोविड- 19 वायरस के कारण हमारे जीवन में जो बदलाव आये हैं, उसमें इंटरनेट  के माध्यम से ही एक दूसरे से संपर्क रख सकते हैं. एक दूसरे का दुख सुख बांट सकते हैं. इसलिए इसे अपनाने का प्रयास करें और सकारात्मक उपयोग करें.
  यह वक्त घबराने का नहीं है. दुनिया में मानव की हर समस्या का समाधान समय समय पर विज्ञान ने खोजा है और चिकित्सा विज्ञान इस महामारी के लिए दवा खोजने के प्रयास में लगा है. इसलिए जरूरी है कि विज्ञान पर भरोसा रखें. अंधविश्वासों को अपने जीवन में स्थान न दें. किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और उन्हें सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों में शेयर  न करें. आपकी कोई भी छोटी सी भूल या असावधानी कई  लोगों को खतरे में डाल सकती है. 
   बाहर निकलने पर एक दूसरे से पर्याप्त दूरी (2 मीटर से ज्यादा)और सोशल डिस्टेंसिंग, घर से बाहर जाने पर  फेस मास्क, बाहर से आने पर हर समय साबुन से हाथों की अच्छी तरह से सफाई और बाहर से आ रहे हर सामान की सफाई, घर की साफ़ सफाई आदि में  अति आवश्यक सावधानी रखें. अनावश्यक घर से बाहर न निकलें. इन बातों/ नियमों/सावधानी को अपने जीवन का हिस्सा बना लें. इससे आप और परिजन बीमारी से बचे रह सकते हैं. घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें. याद रहे कि लाक डाउन में ढील के बाद भी हमें एक लम्बे समय तक इसी जीवन शैली को अपनाना होगा, क्योंकि कोरोना वायरस भी हमारे आपके बीच ही रहेगा. खुद भी जागरुक बनें और  अपने परिवार तथा समाज को भी जागरुक करें. कोई समस्या हो तो बेझिझक बात करें. 

 डा किरन त्रिपाठी

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